अब क्यों?

दुनिया भर के द्रष्टा और दूरदर्शी एक ही बात कह रहे हैं: इस शरद ऋतु में नाटकीय और विश्व-परिवर्तन की घटनाओं को देखा जाएगा। लेकिन दशकों से द्रष्टा इस प्रकार की बातें नहीं कह रहे हैं? अगर वे गलत हैं तो क्या होगा?
 
पढ़ना अब क्यों? मार्क मैलेट द्वारा अब शब्द.
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