डरो मत, डर के लिए उपज मत करो। यह आशा का संदेश है। यह आज हमें संबोधित है ... प्रिय बहन, प्रिय भाई, भले ही आपके दिल में आपने आशा को दफन कर दिया हो, हार मत मानो: ईश्वर अधिक है। अन्धकार और मृत्यु में अंतिम शब्द नहीं है। मजबूत बनो, क्योंकि भगवान के साथ कुछ भी नहीं खोया है! —ओप फ्रैंसिस, ईस्टर विजिल, ११ अप्रैल, २०१०; CNN.com; कैथोलिक न्यूज़एजेंसी.कॉम